Skip to main content

डा. भीमराव आंबेडकर ने संविधान बनाकर हमारा सर्वनाश कर दिया। झुमरु प्रसाद



 एक बार झुमरु प्रसाद जल विभाग में इंजीनियर बन गए |

आरक्षण से नौकरी मिली और मंदिर में चढ़ावा भी चढ़ा आये |

थोड़ा समय हुआ तो आरक्षण से प्रमोशन भी पा गए |

बड़े खुश हुए | 

अब तो घर में भगवान गणेश आयोजन हुआ, सत्यनारायण कथा का आयोजन हुआ 

और माता का जागरण कराकर ब्राह्मण को भोजन करवाया |

समय बदला और प्रमोशन में आरक्षण ख़त्म कर दिया गया

और इसके वजह से प्रमोशन पाए हुए सभी अधिकारियों कर्मचारियों का डिमोशन हो गया | 

अब झुमरु प्रसाद बड़े दुखी हुए |

सीधे भगवान की शरण में पहुँच गए | 

भगवान भी प्रसन्न होकर तुरंत प्रकट हो गए |

भगवान : कहो ! क्या परेशानी है ?

झुमरु प्रसाद : हे ! प्रभु मेरा डिमोशन हो गया है |

भगवान: इसमें मैं क्या कर सकता हूँ ?

झुमरु प्रसाद : भगवान मैं चाहता हूँ कि मेरा फिर से प्रमोशन हो जाये |

भगवान: मैे क्या सेवायोजन मंत्री हूँ ,जो तेरा प्रमोशन करवा दूंगा |

झुमरु प्रसाद : प्रभु ! सब कुछ आपकी मर्जी से ही तो होता है | आपकी मर्जी के बिना कुछ नहीं होता है |

भगवान: अगर सब कुछ मैं ही करता तो फिर संविधान की जरुरत ही क्या थी ?

डा. भीमराव आंबेडकर ने संविधान बनाकर हमारा सर्वनाश कर दिया |

झुमरु प्रसाद प्रभु आप ये क्या कह रहे हैं ?

भगवान्: अगर हमारा वश चलता तो तुम्हारे जैसे शूद्र लोगो को पढ़ने ही नहीं देते | 

इसीलिए हजारों साल तक 
तुम्हारे वंशजों को शिक्षा, संपत्ति और स्वतंत्रता से वंचित रखा गया था, लेकिन अंग्रेजो का सहयोग लेकर भीमराव अम्बेडकर ने हमारे साम्राज्य का सत्यानाश कर दिया.

झुमरु प्रसाद : प्रभु मैंने तो आपको नौकरी लगने से लेकर प्रमोशन होने तक हर जगह चढ़ावा चढ़ाया था, आपने तब क्यों नही बताया |

*भगवान* : अरे जब हमने *पढ़ने का ही अधिकार नहीं दिया* तो नौकरी और प्रमोशन कैसे दे सकते हैं ?
*नौकरी प्रमोशन तुमको संविधान से मिले हैं*
परन्तु तुम *मुर्ख* चढ़ावा यहाँ चढाने आते हो।

*मेरा कहने का मतलब है कि हमारे समाज में ऐसे अनगिनत झमरु प्रसाद है जो नौकरी तो मिली है संवैधानिक आरक्षण के बदौलत लेकिन जाते है मंदिर के तरफ* अच्छा लगा हो तो शेयर जरूर कीजिए ।


*🙏🏻👏🏻जय भीम जय मूलनिवासी👏🏻🙏🏻*
*🙏🏻👏🏻जय भारत जय संविधान👏🏻🙏🏻*

Comments

Popular posts from this blog

कवि ने उस शव से पूछा ---- कौन हो तुम ओ सुकुमारी, बह रही नदियां के जल में ?

👉 आज तो रूला देगी ये पोस्ट 👈 एक कवि नदी के किनारे खड़ा था !  तभी वहाँ से एक लड़की का शव नदी में तैरता हुआ जा रहा था। तो तभी कवि ने उस शव से पूछा ----     कौन हो तुम ओ सुकुमारी, बह रही नदियां के जल में ?     कोई तो होगा तेरा अपना, मानव निर्मित इस भू-तल मे !     किस घर की तुम बेटी हो, किस क्यारी की कली हो तुम       किसने तुमको छला है बोलो,  क्यों दुनिया छोड़ चली हो तुम ?     किसके नाम की मेंहदी बोलो,  हांथो पर रची है तेरे ?      बोलो किसके नाम की बिंदिया,  मांथे पर लगी है तेरे ?      लगती हो तुम राजकुमारी,  या देव लोक से आई हो ?       उपमा रहित ये रूप तुम्हारा,  ये रूप कहाँ से लायी हो? ""दूसरा दृश्य----""     ✳कवि की बाते सुनकर,, लड़की की आत्मा बोलती है..     कवी राज मुझ को क्षमा करो,  गरीब पिता की बेटी हूँ !     इसलिये मृत मीन की भांती,  जल...

दहेज प्रथा - दहेज़ ना ले, औरना दे !

दहेज उत्पीड़न मोहल्ले में रहने वाली दो लडकियों मीना और सोनाली की शादी एक ही दिन तय हुई, मीना गरीब घर की लड़की थी उसके पिताजी एक छोटे किसान थे, जबकि सोनाली अमीर घराने की लड़की थी उसके पिताजी का कारोबार कई शहरो में फैला था! शादी वाले दिन मै भी पडोसी होने के नाते काम में हाथ बटाने सोनाली के घर गया, घर पंहुचा ही था की सोनाली के पिता जी लगे अपने रहीसी बताने वो बोले हमारा होने वाला दामाद सरकारी डॉक्टर है, खानदानी अमीर है पर हम भी कहा कम है २० लाख नकद एक कार और सब सामान दे रहे है दहेज़ में ! मैंने कहा ताऊ जी जब वो इतने अमीर है तो आप ये सब उन्हें क्यों दे रहे हो उनके पास तो ये सब पहले से होगा ही, वो बोले अगर ना दू तो बिरादरी मे नाक कट जाएगी पर तू ये सब नहीं समझेगा तू अभी छोटा है, खैर शाम को बारात आ गई मै खाना खाने के बाद मीना के घर की तरफ जाने लगा आखिर उसकी भी तो शादी है ! उसके घर के बहार भीड़ लगी थी मगर ना कोई गाना, ना कोई डांस, ना किसी के चेहरे पर मुस्कान, घर के और करीब जाने पर चीख-पुकार का करुण रुदन मेरे कानो को सुनाई दिया, किसी अनहोनी की आशंका से मेरे दिल जोरो से धडक...

एक लव स्टोरी - इतना कहने के बाद लड़की ने उसको जोर से गले लगा लिया

एक लव स्टोरी ..... एक. लड़का अपनी फेसबुक में एक लड़की से बात करता था रोज ....हर बात उसे बताया करता था ......और लड़की भी उसको सब कुछ बताया करती थी .......उनकी दोस्ती को 2 साल गुजर गए पर कभी उनकी बाते कम नहीं हुयी .....न. कभी उनकी दोस्ती में कोई कड़वाहट आयी ...एक दिन दोनों ने अपने फ़ोन के नंबर लेलीय और दोनों जब मन. होता कॉल पर बात कर लिया करते ..... लड़की उससे प्यार करने लगी थी क्यों की लड़का उसकी बहुत इज्जत किया करता था .....और उसकी फ़िक्र भी किया करता था ......पर लड़की उसे कह नहीं पायी .....की वो प्यार करती ह ......क्यों की लड़की की शक्ल सूरत अछि नहीं थी और वह बहुत काली थी .....इसलिए उस लड़के को कभी पिक नहीं देती थी ना वीडियो कॉल पर बात करती थी ......पर लड़के से हमेसा बोलती थी कभी मुझसे बात करना बंद मत करना .....लड़का भी प्यार करता था पर उसने सोचा य अपनी पिक नहीं देती तो प्यार के लिए तो कैसे हा करेगी ......पर. लड़के न एक दिन हिम्मत करके उसको प्रपोज कर दिया ....और उसको अपने दिल की बात कह दी और लड़की की आखो में आसु आगये और हा कहने से पहले सोचा म हा कर दूगी तो पिक मागेगा और म तो इस के लायक नहीं हु ....