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कहानियाँ जो दिल को छूजाये।

क्या अब ... सहलाओगे मेरे चहरे को?

एक लडकी ने एक लडके का प्यारकबूल नही किया तो लडके नेलडकी के मुँह पर तेजाब फेक दियातो लडकी ने लडके से चंद पंक्तीयाँकही आप एक बार इन पंक्तीयो कोजरुर पढना . चलो,फेंक दिया सो फेंक दिया.... अब कसूर भी बता दो मेरा तुम्हारा इजहार था मेरा इन्कार था बस इतनी सी बात पर फूंक दिया तुमने चेहरा मेरा.... . गलती शायद मेरी थी प्यार तुम्हारा देख न सकी इतना पाक प्यार था कि उसको मैं समझ ना सकी.... . अब अपनी गलती मानती हूँ क्या अब तुम ... अपनाओगे मुझको? क्या अब अपना ... बनाओगे मुझको? क्या अब ... सहलाओगे मेरे चहरे को? जिन पर अब फफोले हैं... . मेरी आंखों में आंखें डालकर देखोगे? जो अब अन्दर धस चुकी हैं जिनकी पलकें सारी जल चुकी हैं चलाओगे अपनी उंगलियाँ मेरे गालों पर? . जिन पर पड़े छालों से अब पानी निकलता है हाँ, शायद तुम कर लोगे.... तुम्हारा प्यार तो सच्चा है ना? . अच्छा! एक बात तो बताओ ये ख्याल 'तेजाब' का कहाँ से आया? क्या किसी ने तुम्हें बताया? या जेहन में तुम्हारे खुद ही आया? अब कैसा महसूस करते हो तुम मुझे जलाकर? गौरान्वित..?...
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एक लव स्टोरी - इतना कहने के बाद लड़की ने उसको जोर से गले लगा लिया

एक लव स्टोरी ..... एक. लड़का अपनी फेसबुक में एक लड़की से बात करता था रोज ....हर बात उसे बताया करता था ......और लड़की भी उसको सब कुछ बताया करती थी .......उनकी दोस्ती को 2 साल गुजर गए पर कभी उनकी बाते कम नहीं हुयी .....न. कभी उनकी दोस्ती में कोई कड़वाहट आयी ...एक दिन दोनों ने अपने फ़ोन के नंबर लेलीय और दोनों जब मन. होता कॉल पर बात कर लिया करते ..... लड़की उससे प्यार करने लगी थी क्यों की लड़का उसकी बहुत इज्जत किया करता था .....और उसकी फ़िक्र भी किया करता था ......पर लड़की उसे कह नहीं पायी .....की वो प्यार करती ह ......क्यों की लड़की की शक्ल सूरत अछि नहीं थी और वह बहुत काली थी .....इसलिए उस लड़के को कभी पिक नहीं देती थी ना वीडियो कॉल पर बात करती थी ......पर लड़के से हमेसा बोलती थी कभी मुझसे बात करना बंद मत करना .....लड़का भी प्यार करता था पर उसने सोचा य अपनी पिक नहीं देती तो प्यार के लिए तो कैसे हा करेगी ......पर. लड़के न एक दिन हिम्मत करके उसको प्रपोज कर दिया ....और उसको अपने दिल की बात कह दी और लड़की की आखो में आसु आगये और हा कहने से पहले सोचा म हा कर दूगी तो पिक मागेगा और म तो इस के लायक नहीं हु ....

नई चप्पल - भाई-बहन का प्यार देखकर आंसू आ गये

नई चप्पल" पार्वती दीनानाथ जी की कोठी में जब काम करने आई तो उसके साथ उसकी लड़की मुनिया भी अपनी अम्मा से जिद करके उसके साथ आ गई। मुनिया सरकारी स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ती थी, आज मुनिया स्कूल नहीं गई थी इसलिए अपनी अम्मा के साथ कोठी में आ गई थी। वहां कोठी में दीनानाथ जी की पोती स्वीटी के साथ खेलने लगी, मुनिया को स्वीटी की गुलाबी चप्पल बहुत पसंद आई,वो बार-बार उसकी चप्पल को देखकर सोच रही थी,"काश ऐसी चप्पल मेरे पास भी होती।" जब मुनिया अपनी अम्मा के साथ घर आ गई तो उसने अपनी अम्मा से कहा,"अम्मा मुझे भी स्वीटी जैसी गुलाबी चप्पल चाहिए, उसकी चप्पल बहुत सुंदर थी।" अम्मा ने मुनिया का मन रखते हुए कह तो दिया कि जब बाजार जाऊंगी तुम्हारे लिए गुलाबी चप्पल ले आऊंगी,पर पार्वती मन ही मन सोच रही थी कि घर का खर्चा भी जैसे -तैसे पूरा होता है, मैं मुनिया के लिए चप्पल कहां से लाऊंगी। पार्वती का लड़का जो उन्नीस -बीस साल का था,वो अम्मा और मुनिया की सारी बातें सुन रहा था।उसका पढ़ाई -लिखाई में मन नहीं लगता था उसने स्कूल जाना बंद कर दिया था,बस इधर-उधर आवारा घूमा करता था, बल्...

जिस काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का आज प्रधानमंत्री श्रेय ले रहे हैं उसकी परिकल्पना श्री संजय गांधी ने की थी।

जिस काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का आज प्रधानमंत्री श्रेय ले रहे हैं उसकी परिकल्पना श्री संजय गांधी ने की थी।  Mr. सूर्य प्रताब सिंह IAS RTD.✍️✍️ जब संजय गांधी ने यह प्रस्ताव रखा तो हिंदू संगठनों ने काशी में बवाल मचा दिया कि हम घाट के आस पास कोई तोड़ फोड़ नहीं होने देंगे और काम नहीं होने दिया। फिर मुख्यमंत्री रहते काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पर पहला बजट VDA को अखिलेश यादव ने दिया, तब भी हिंदू संगठन नाराज थे। जैसे ही मोदी सरकार ने यह प्रस्ताव रखा, सैकड़ों शिवलिंग उखाड़ दिये गये और पूरे इलाक़े में तोड़फोड़ की गई। पर तब कोई हिंदू भावनाएं आहत नहीं हुई। स्थानीय जनता ने कुछ रोष दिखाया पर किसी ने उनकी नहीं सुनी। चार दुकानें बनाने के लिए आस पास के कई प्राचीन मंदिर तोड़ दिये गये। काशी विश्वनाथ को ‘धार्मिक मॉल’ बना दिया गया जहां VIP के ठहरने के लिए विशेष कमरे बने हैं। खैर वापिस संजय गांधी पर लौटता हूँ, एक समय हिंदू हितों के लिए सबसे प्रखर आवाज रहे संजय गांधी से आज भाजपा को इतनी क्या नफरत हो गई कि उनके नाम का अस्पताल तक बंद करवाने पर उतारू हैं? दरअसल बात संजय और राजीव की नहीं, इन्हें नफ़रत है ...

उज्जैन दुष्कर्म

उज्जैन दुष्कर्म, रेप केस की गुत्थी? उज्जैन में दरिंदगी, उज्जैन में आठ किमी तक खून से लथपथ और कई लोगों से मदद की गुहार लगाने वाली मासूम के साथ ऑटो ड्राइवर ने दरिंदगी की थी। पुलिस पूछताछ में उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। पुलिस ने 72 घंटे में 1000 सीसीटीवी फुटेज को खंगाला और कई लोगों से पूछताछ की तब जाकर आरोपी शिकंजे में आया। पढ़ें मामले में अब तक क्या-क्या हुआ... बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। यहां एक 12 साल की नाबालिग लड़की का दुष्कर्म किया जाता है। वह लड़की मदद के लिए दर-दर भटकती है, लेकिन कोई उसकी मदद करने के लिए आगे नहीं आया। सीसीटीवी फुटेज से हुआ घटना का खुलासा लड़की के प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। वह अर्धनग्न अवस्था में थी। घटना का खुलासा सीसीटीवी फुटेज से हुआ। यह घटना 26 सितंबर के पहले की बताई जा रही है। दांडी आश्रम के समीप मिली पीड़िता मिली जानकारी के मुताबिक, पीड़िता वडनगर रोड पर मुरलीपुरा से आगे दांडी आश्रम के समीप मिली थी। उसके कपड़े खून से सने हुए थे। बच्ची करीब आठ किमी तक ...

एक पिता का दर्द - पूनम लव मैरिज कर अपने पापा के पास आयी,

एक पिता का दर्द..... आज पूनम लव मैरिज कर अपने पापा के पास आयी, और अपने पापा से कहने लगी पापा मैंने अपनी पसंद के लड़के से शादी कर ली, उसके पापा बहुत गुस्सें में थे, पर वो बहुत सुलझें शख्स थे, उसने बस अपनी बेटी से इतना कहा, मेरे घर से निकल जाओं, बेटी ने कहा अभी इनके पास कोई काम नही हैं, हमें रहने दीजिए हम बाद में चलें जाएगें, पर उसके पापा ने एक नही सुनी और उसे घर से बाहर कर दिया......... कुछ साल बित गयें, अब पूनम के पापा नही रहें, और दुर्भाग्यवश जिस लड़के ने पूनम ने शादी की वो भी उसे धोखा देकर भाग गया, पूनम की एक लड़की एक लड़का था, पूनम खुद का एक रेस्टोरेंट चला रही थी, जिससे उसका जीवन यापन हो रहा था......... पूनम को जब ये खबर हुई उसके पापा नही रहें, तो उसने मन में सोचा अच्छा हुआ, मुजे घर से निकाल दिया था, दर_दर की ठोकरें खाने छोड़ दिया, मेरे पति के छोड़ जाने के बाद भी मुजे घर नही बुलाया, मैं तो नही जाऊंगी उनकी अंतिम यात्रा में, पर उसके ताऊ जी ने कहा पूनम हो आऊ, जाने वाला शख्श तो चला गया अब उनसे दुश्मनी कैसी, पूनम ने पहले हाँ ना किया फिर सोचा चलों हो आती हूं, देखू तो जिन्होने मुजे...

आपकी दीवाली आपके पतिदेव की जेबें खाली करने में नहीं,

एक नई सोच..........-- कल शॉपिंग के लिए मॉल गयी थी। बिलिंग में लंबी लाइन थी। मैं ट्रॉली लिए लाइन में खड़ी थी। मेरे आगे एक फैमिली अपना बिलिंग करवा रहा था। बच्चे ट्रॉली से अपना मनपसंद समान उठाकर बिल के लिए रख रहे थे। उनकी माँ ने भी दीवाली के डेकोरेशन के लिए खूब सारी चीजें ली थी। और साइड में खड़े पापा की नज़र सिर्फ कंप्यूटर स्क्रीन पर थी, बिल के लगातार बढ़ रहे आंकड़े पर।अच्छी खासी अमाउंट हो जाने के बाद उन बच्चों के पापा ने कैशियर से आगे का सामान वापस रखने को कहा। बच्चे कहने लगे "पापा इतना क्यों वापस कर दिया? ये झूमर मम्मी को कितना पसंद है।" माँ ने भी बच्चों के सुर में सुर मिलाए "अरे ले लो ना। दीवाली में कुछ नया तो लगना चाहिए।"पापा ने सब बातों को अनसुना कर अपना वॉलेट निकाला। पैसे गिनकर देने के बाद उनके वॉलेट में सिर्फ एक 50 का नोट बचा था, जिस पर ना बच्चों का ध्यान था ना माँ का। बच्चे अभी भी डिमांड्स रख रहे थे और वो पिता अपने वॉलेट को वापस जेब में रखते वक़्त इतना थका हुआ महसूस कर रहा था। मैं पीछे खड़ी उस पिता के चेहरे के भावों को पढ़ने की कोशिश कर रही थी। बेशक वो पैसे जाने की व...